शिवपुरी के किन क्षेत्रों में और क्यों आएंगे मुख्यमंत्री मोहन यादव... पढ़ें पूरा समाचार..
आज मोहन यादव करेंगे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा..
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी 04/08/25।। शिवपुरी जिले के आसपास लगी नदियों ने धुंआधार बारिश के मौसम में रौद्र रूप धारण कर लिया,नतीजा सिंधु नदी, काली नदी, महुअर नदी का जल स्तर इतना बढ़ा कि नदियों के आसपास लगे ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ के रूप में तबाही आ गईं। आज इन्हीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लेने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव शिवपुरी जिले के इन स्थानों पर दौरा करेंगे। दौरा कार्यक्रम कुछ इस प्रकार रहेगा दोपहर 2:00 बजे मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल से गुना के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे। लगभग 2:40 पर हेलीकॉप्टर गुना की हेलीपैड पर पहुंच जाएगा, फिर वहां के कुछ स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के पश्चात 3:35 पर गुना से वाया हेलीकॉप्टर से होते हुए 4:00 बजे शिवपुरी के परोडा गांव की हेलीपैड पर पहुंचेंगे। वहां से मोहन यादव बाया कार पचावली गांव का दौरा करेंगे, उसके बाद कुछ लोकल कार्यक्रम में सम्मिलित पश्चात 5:10 पर कार से रवाना होते हुए 5:35 पर पडोरा में बने हेलीपेड पर पहुंचेंगे, 5:40 पर पडोरा से सीधे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। उसके बाद 6:15 पर ग्वालियर एयरपोर्ट से बाया हवाई जहाज भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे।
यहां बता दें कि,
हाल ही में 5 दिन पहले भयंकर बारिश में कोलारस तहसील के कई गांव सिंध नदी की बाढ़ के चपेट में आ गए थे, सिंध नदी अपने सामान्य स्तर को पार करते हुए से पुराने पुल से भी 5 से 6 फुट ऊपर चल रही थी, जिसके चलते सिंध नदी के किनारे लगे कई गांवों में बाढ़ आ गई। इस बाढ़ के पानी से न सिर्फ फसले तबाह हुई बल्कि घरों में रखें सामान एवं अनाज भी बह गए। हालात इतने बुरे थे कि लोग खाने के लिए तरस रहे थे।
*पचावली,बदरवास एवं नरवर क्षेत्र में दिखा जल का कहर..*
कोलारस तहसील की पचावली गांव जो कोलारस से खतौरा इंदार होते हुए अशोकनगर को जोड़ता है वह मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था क्योंकि यहां पर सिंध नदी का पानी पुराने पुल से 6 से 7 फीट तक ऊपर चल रहा था जिससे नदी किनारे लगा पचावली गांव पूरी तरह डूब गया हालांकि जिला प्रशासन एवम एसडीआरएफ की टीम ने सामूहिक रूप से बचाब कार्य करते हुए डूब क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया परन्तु पानी का कहर इतना भयंकर था कि घरों के सामान सहित,भोजन के लिए रखा अनाज भी बह गया, आमजन के लिए खाने के लाले पड़ गए। वहीं बदरवास के एक सरकारी स्कूल में पानी भर गया यह इतना ज्यादा था कि नीचे की एक मंजिल पूरी तरह डूब गई जिला प्रशासन की टीम में रेस्क्यू करके बच्चों को वहां से निकाला। ऐसे ही हालात करैरा तहसील के नरवर क्षेत्र में पाए गए जहां समीप ही लगे मणि खेड़ा डेम जो सिंध नदी का बहाव क्षेत्र है में अत्यधिक पानी स्टॉक हो जाने से डेम के सारे दरवाजे (10 दरवाज़े) एक एक साथ खोलने पड़े,जिसका असर यह हुआ कि डेम का पानी जो बहता हुआ तिगरा बांध तक जाता है, उसका पूरा क्षेत्र ही डूब में आ गया। हालात यह हुए कि नरवर जाने वाले मार्ग पर बने पुल से लगभग 4 फुट पानी ऊपर पाया गया जिससे वाहनों का आवागमन पूरी तरह रुक गया। वहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से चारा खाने गए ग्रामीणों के कुछ पशु बाढ़ के पानी में बह गए, हालांकि नरवर क्षेत्र में नुकसान ज्यादा नहीं हुआ।
*प्रशासन स्थानीय नेता एवं सामाजिक संगठनों ने की मदद..*
इस बाढ़ के हालात से ग्रसित लोगों को बचाने के लिए जिला कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी एवं जिला पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने मोर्चा संभालते हुए बाढ़ पीड़ित लोगों को न सिर्फ सुरक्षित स्थान पर पहुंचा बल्कि उनको जरूरत की वस्तुएं भी मुहैया कराईं। वहीं आसपास के क्षेत्र में लगे लोगों ने भोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी ले ली। कई छोटे नेता भी पीड़ितों की सेवा करते नजर आए, विपदा की इस घड़ी में सामाजिक संस्थाएं भी पीछे नहीं रहीं।
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