दीदी तुम पहले ही यह कदम उठाती तो नगर पालिका को आज इस समस्या से बचा लातीं...
दीदी तुम पहले ही यह कदम उठाती तो नगर पालिका को आज इस समस्या से बचा लातीं...
चलो देर से आए पर शायद दुरुस्त आए, एक ही बैठक में लगभग 32 लाख उगा लाए..
*नेशनल लोक अदालत में नगर पालिका शिवपुरी ने 3150000 वसूल कर अब तक की सारी वसूली का रिकॉर्ड तोड़ा...*
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।। शिवपुरी 14/सितंबर/25।। शिवपुरी नगर पालिका आए दिन विवादों की घेरे में बनी रहती है और मुख्य विवाद जो है वह कुर्सी का है। हर काबिल पार्षद इस कुर्सी का ख्वाब देख रहा है,जो है वह छोड़ना नहीं चाहते हैं, जो नहीं है वह आने की जिद लगाते हैं और नए-नए फार्मूले अपनाते हैं।
इस बीच शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र का विकास मानों रुक सा गया है। ना सड़कों पर झाड़ू है ना पीने का साफ पानी आ रहा है वार्डों में रोड़ों का तो भगवान ही मालिक है। इसके अलावा एक और समस्या है, वह है वित्तीय प्रबंधन की, जो पिछले कुछ सालों से लगातार बनी हुई है या यह कह लें कि इस कार्यकाल में तो निरंतर ही बनी है। कारण बहुत सारे हैं जिसमें राज्य शासन द्वारा अनुदान ना दिया जाना भी कह सकते हैं और नगर पालिका के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा वसूली न कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ना भी कह सकते हैं।
अब तक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से नगर पालिका शिवपुरी ने 31 लाख 50 हजार रुपए की राशि बसूली है। यह राशि नगर पालिका परिषद द्वारा जनता से लिए जाने वाले तमाम करों की है जो जनता द्वारा समय पर भुगतान नहीं की जाती हैं। पर यह तब संभव हो सका जब खुद नगर पालिका अध्यक्ष ने नेशनल लोक अदालत में अपनी कुर्सी डालकर करदाता को न सिर्फ उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया बल्कि नगरपालिका के द्वारा किए जाने वाले कर्तव्य में जनता का यह योगदान भी बताया और रिकॉर्ड तोड़ राशि की वसूली हो सकी। लोगों का यह कहना है कि, अगर नगर पालिका अध्यक्ष इसी तरह से अपनी जिम्मेदारियां का एहसास करते हुए सभी वार्डों में आम जनता से मुखातिब होतीं और नगर पालिका की वित्तीय प्रबंधन को समझने का प्रयास करतीं तो शायद यह समस्या ही नहीं आतीं। खैर नगर पालिका के जिम्मेदारों के इस कार्य को आमजन ने काफी सराहा है।
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