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मंडी की टीम पर दबंगों का हमला..🥷🥷.. तीन में से दो लोग जान बचाकर भागे..🏃🏃 एक को किया गंभीर घायल... 🏥🏥..पुलिस ने लिखी एफ आई आर..👮👮..

मंडी की टीम पर दबंगों का हमला..🥷🥷.. तीन में से दो लोग जान बचाकर भागे..🏃🏃 एक को किया गंभीर घायल... 🏥🏥..पुलिस ने लिखी एफ आई आर..👮👮..

मंडी की टीम पर दबंगों का हमला..🥷🥷.. तीन में से दो लोग जान बचाकर भागे..🏃🏃 एक को किया गंभीर घायल... 🏥🏥..पुलिस ने लिखी एफ आई आर..👮👮..

चर्चित सामाचार एजेंसी।
शिवपुरी कोलारस सामाचार 30/09/2024/.. शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील के लुकवासा थाने में पूरण खेड़ी टोल प्लाजा के पास कल रात कुछ लोगों ने सामूहिक रूप से कृषि उपज मंडी की फ्लाइंग टीम पर हमला बोल दिया इस हमले में एक शख्स बुरी तरह घायल हो गया वहीं टीम में दो सदस्यों ने भाग कर जान बचाई यह जानकारी मंडी के आला अधिकारियों को लगी तो आनन-फानन में उन्होंने शिवपुरी मंडी के सचिव सहित उनकी टीम को तुरंत मौके पर रवाना कर दिया बाद में मंडी के कर्मचारियों ने अपनी मौजूदगी में घायल शख्स को अस्पताल कोलारस में भर्ती कराया।

दरअसल मामला कुछ इस प्रकार है आए दिन मंडी शुल्क की चोरी करते हुए कई वाहन जिले की सीमा से बाहर गुजरते हैं जिनके पास ना तो किसी प्रकाश प्रकार की मंडी चुल्की कोई रसीद होती है ना ही कोई वैलिड गेट पास होता है इस तरह की चोरी रोकने के लिए मंडी के डी एस श्री चक्रवर्ती ने एक फ्लाइंग  तैयार करके शिवपुरी गुना रोड पर भेज दी। रोजाना की तरह यह फ्लाइंग रात की 8:00 बजे के बाद लगातार चेकिंग में थी, तब फ्लाइंग को सूचना मिली की एक ट्रक माल कोलारस से होते हुए गुना जा रहे है जिस पर तत्परता दिखाते हुए टीम ने ट्रक को हाथ देकर रोक लिया। जब ट्रक चालक से माल की बिल्टी मांगी  तो उसके द्वारा कहा गया कि बिल्टी वाहन मालिक के पास है, वह पीछे ही आ रहे हैं। पूछने पर की वाहन मालिक कौन है..?  तो बताया कि बाहन का मालिक दीपक तोमर ऊर्फ दीपू तोमर है। और वही आकर के आपको बिल्टी देंगे। थोड़ी देर बाद दीपू तोमर और उसके कुछ अन्य साथी वहां अपने निजी वाहन थार से पहुंच और मौके पर मौजूद ए एस आई मंडी और उसके दोस्तों की जमकर मारपीट करने लगे। 
 *मारपीट के अंदाज से लगा जैसे आपराधिक पृष्ठभूमि की है गैंग, मारा और ट्रक भी छुड़ा ले गए..।* 

जिस तरह दीपू तोमर और उनके साथियों ने मंडी ए एस आई विकास शर्मा को मारना चालू किया उससे यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि हो ना हो यह सारे लोग अपराधिक पृष्ठभूमि के ही हैं। इन लोगों के हाथ में जो लगा वह विकास  को दे मारा। इसमें से एक व्यक्ति ने तो साफी में कुछ नुकीले पत्थर इकट्ठे करके  विकास शर्मा के सिर पर तीन से चार जोरदार प्रहार किए। जिससे विकास शर्मा पर अचेत हो गया । इसके बाद यह लोग वहां से अपना ट्रक को लेकर चलते बने।
 *विकास को पिटता देख ड्राइवर भी छोड़कर भाग गया..* 

 जैसे ही दीपू तोमर और उसकी गैंग ने विकास शर्मा पर हमला बोला सबसे पहले फ्लाइंग में आए विकास के दोनों साथी भागे ,उसके बाद ड्राइवर भी विकास को अकेला छोड़कर भाग आया। बाद में विकास ने अपने आप को संभालते हुए खुद वहां से स्कॉर्पियो गाड़ी को ले जाकर कोलारस मंडी पहुंच गया। जहां मंडी में मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत  कोलारस अस्पताल में ले जाकर विकास का इलाज कराया। 
 *कोलारस अस्पताल में नहीं है प्रोपर इंतजाम.. एमएलसी हुई कोलारस तो टांके लगे शिवपुरी..* 

यहां आपको बता दें कि, हाल ही में शिवपुरी के प्रभारी मंत्री प्रधुय्म तोमर ने कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था जिसमें प्रभारी मंत्री को काफी अनियमितताएं एवं गंदगी मिली जिसके चलते वहां पर उपस्थित सीबीएमओ सुनील खंडोलिया को तत्काल प्रभाव से वहां से हटाकर  शिवपुरी स्वास्थ्य विभाग में अटैच कर दिया था। लगभग इसके दूसरे दिन बाद ही यह मामला सामने आया। जिसमें मंडी इंस्पेक्टर के सिर में गहरी चोट आने के बाद भी वहां पर उसे प्रॉपर इलाज न मिलते हुए शिवपुरी जिला अस्पताल को रेफर कर दिया गया। जबकि एमएलसी रिपोर्ट कोलारस अस्पताल में ही तैयार की गई। सबसे बड़ा विषय यह है कि, सामुदायिक केंद्र कोलारस में क्या जख्म पर टांके लगाने की व्यवस्था भी नहीं है..?  जिसके लिए सामान्य और गंभीर मरीज को शिवपुरी जिला अस्पताल का रास्ता देखना पड़ता है..?  यह विषय बेहद गंभीर है। 
 *इन धाराओं में किया अपराध पंजीबद..* 


कल रात हुई मारपीट के मामले में लुकवासा पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए  05/24 धारा 132,121(1),118(1),120(2),3(5) बी एन एस की धाराओं में मामले को पंजीकृत कर लिया है।हालांकि तत्काल प्रभाव से अपराधी पकड़े नहीं गए हैं, लेकिन एसडीएम अनूप श्री वास्तव कोलारस के अनुसार शिवपुरी जिला पुलिस अधीक्षक से बात कर ली गई है जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।
 *मूंगफली दाने से भरा ट्रक पहले भी मंडी समिति की फ्लाइंग ने पकड़ा इससे क्षुब्ध था अपराधी..* 

दीपू  तोमर ने यकायक ही एएसआई विकास शर्मा पर हमला नहीं किया है।  इसके पीछे की कहानी यह है कि आज से 4 दिन पहले भी मंडी समिति की फ्लाइंग ने दीपू तोमर के एक ट्रक जिसमें मूंगफली दाना भरा हुआ था को पकड़ा था। जिसमें मंडी की फ्लाइंग टीम ने लगभग 30 हज़ार का जुर्माना भी अधिरोपित कर दिया था। जिसको लेकर के दीपू काफ़ी गुस्से में था और उसने मंडी के कर्मचारियों से बदला लेने की सोच ली थी जिसे लेकर दीपू ने फ्लाइंग के एक कर्मचारी को धमकी भी दी थी। दीपू तोमर मुख्य रूप से ट्रांसपोर्ट की दलाली का काम करता है। तथा  वाहनों से व्यापारियों के माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जानें का ठेका लेता है। इसी क्रम में। मंडी फ्लाइंग द्वारा दीपू तोमर के ट्रक को पकड़ने पर वह काफी क्षुब्ध हो गया था,और उसने बदला लेने का मन बना लिया। इसलिए फ्लाइंग टीम पर हमला बोल दिया।
 *हालत गंभीर होने पर भी खुद को ढांढस बंधाता रहा विकास, 15 से 20 टांके आए सिर में..* 

यहां आपको बता दें कि ए एस आई विकास को जब कोलारस से शिवपुरी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था तब उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। सिर में से बराबर ख़ून बह रहा था घाव इतने गंभीर थे कि देखने वाले घबरा गए थे। इसके बाद भी विकास बिल्कुल नहीं घबराया एवं शिवपुरी अस्पताल जाकर न सिर्फ टांके लगवाए बल्कि इलाज लेकर अपने घर ग्वालियर के लिए एंबुलेंस में रवाना हो गया। मंडी की टीम यह सब देखकर चकित रह गई , कुछ लोगों ने कहा कि वाकई में एक होनहार जांबाज है जो इतने होने के बाद भी नहीं घबराया साथ ही साथ हमको भी ढांढस  देता रहा। यहां आपको बता दें कि मंडी के लोगों ने कोशिश की, कि विकास के घरवालों को सूचित कर दिया जाए लेकिन विकास ने इसकी अनुमति नहीं दी क्योंकि वह जानता था कि उसके घर में सिर्फ़ उसकी पत्नी और  एक छोटी सी बच्ची है। जो यह खबर सुनकर ज्यादा चिंतित हो सकती है जिस कारण कुछ गलत हो सकता है। इस वजह से उसने अपने घर वालों को सूचना देना भी उचित नहीं समझा।
 *अगर सूचित करके कार्रवाई करते तो नहीं होता हादसा..* 

जब हमने इस मामले के बारे में  भारसाधक अधिकारी अनूप श्रीवास्तव से जानकारी लेना चाही तो उन्होंने कहा कि यह काफी दुखित करने वाला मामला है हम और हमारे कर्मचारी आए दिन औचक निरीक्षण पर चले जाते हैं। जहां पर हमको इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है फिर भी हम कोशिश करते हैं कि हम पूरी तरह से एहतियात बरतें। साथ में फोर्स को लेकर भी चलें । इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। अगर ग्वालियर डीएस के द्वारा फ्लाइंग को चेकिंग पर आना था, तो पहले हमको सूचित कर दिया होता।  कम से कम हम पुलिस गार्ड की व्यवस्था कर देते,ताकि यह हादसा नहीं होता। पर उनका इस तरह न करना समझ से परे है। हालांकि मंडी इंस्पेक्टर खतरे से बाहर है और जहां तक हो सकता है हम अपराधी को जल्द से जल्द पकड़वाकर  कठोर कार्रवाई करवाएंगे,साथ ही साथ अपने साथ ले गए वाहन को भी जप्त करेंगे।
 *व्यापारियों के आगे अपना कद ऊंचा करने के लिए,जिससे सीखा काम उसी के ट्रक पकड़वाने लगा था दीपू..* 
दीपू शुरू से मंडी के ट्रांसपोर्टेशन के काम में नहीं था दरअसल सूत्र बताते हैं कि इंदौर के किसी जादौन के साथ मिलकर दीपू तोमर मंडी की गाड़ियों को बिना जीएसटी और मंडी टैक्स  चुकाए सीधे निकालने का ठेका लेने लगा था, कुछ दिन तक तो काम अच्छा चला लेकिन अचानक ही इंदौर की पार्टी से संबंधों में कड़वाहट आने लगी,जिसे लेकर दीपू ने इंदौर की पार्टी जादौन के वाहनों को पकड़वाना चालू कर दिया और व्यापारियों तक यह बात पहुंचा दी कि मैं आपकी गाड़ियों को बिना किसी अवरोध के अन्य पार्टी तक पहुंचाने का काम कर सकता हूं। जिसमें उसने जादौन की गाड़ियों को पकड़वाने से व्यापारियों को हुई परेशानी एवं नुकसान को आगे से उसकी सरपरस्ती में न होने का वादा भी किया और फिर इस तरह वह जगह-जगह पर बने चेकिंग पॉइंट से अपनी गाड़ियों को बचाकर पार्टियों तक माल पहुंचाने लगा। फिर जैसे ही दीपू तोमर की कुछ गाड़ियां पकड़ी गई तो वह अपना आपा खो बैठा,क्योंकि व्यापारियों में इससे उसकी पकड़ कमजोर होने का डर सताने लगा था। अतः आवेश में आकर उसने यह कांड कर डाला।
 *कोलारस और बदरवास की मंडी में थी दीपू की सेटिंग..* 
सूत्र यह भी बताते हैं कि जीतू तोमर की सेटिंग कोलारस और बदरवास की मंडी में भी खासी थी यानी कि वह अपनी गाड़ियों को निकालने का काम यहां पर मौजूद कर्मचारियों की सरपरस्ती में ही किया करता था दीपू तोमर न सिर्फ झांसी की बल्कि ग्वालियर की गाड़ियां भी इंदौर पहुंचाया करता था इस बीच करैरा से लेकर कोलारस बदरवास जितनी भी मंडियां है वहां के स्टॉफ से दीपू तोमर ने अपनी सेटिंग जमा रखी थी। क्योंकि तोमर शुरू से ही आपराधिक मानसिकता का व्यक्ति रहा है अतः इसकी ज्यादातर ढाबों एवम उन पर आने वाले अपराधियों से खासी जान पहचान थी। जिनके जरिए दीपू अपने मंसूबों को अंजाम दिया करता था। अतः ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस तरह के कांड में निश्चित ही तौर पर मंडी के ही किसी कर्मचारी का हाथ है। जो सिर्फ दीपू तोमर ही जानता है या फिर वह कर्मचारी, अधिकारी जिन्होंने इस तरह के अपराधी को पनाह दी। यह पुलिस की जांच का विषय है।

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