News Breaking
Live
wb_sunny

Breaking News

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर प्रहार और अखंड भारत की पुनर्परिकल्पना...

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर प्रहार और अखंड भारत की पुनर्परिकल्पना...


ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर प्रहार और अखंड भारत की पुनर्परिकल्पना...
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी 27/05/25।।

हाल ही में पहलगाम में हुआ जघन्य आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि सम्पूर्ण भारत की आत्मा पर गहरा आघात है। इस कायराना हमले में निहत्थे, निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या की गई — एक ऐसी बर्बरता जो दर्शाती है कि आतंकवाद किसी भी मानवीय मूल्य या धर्म की मर्यादा से परे होता है।
भारत ने कैसे सुनियोजित किया ऑपरेशन सिंदूर..
 एक सुनियोजित और सशक्त सैन्य कार्रवाई, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों, प्रशिक्षण केंद्रों और सरगनाओं को लक्ष्य बनाकर निर्णायक प्रहार किया गया। इस अभियान की एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही, कुख्यात आतंकी मसूद का सफाया — वह आतंकी जिसने वर्षों तक भारत के खिलाफ घातक षड्यंत्र रचे।
इस घटनाक्रम ने देशभर में आक्रोश और जागरूकता दोनों को जन्म दिया। जब यह वीभत्सता देश-विदेश में भारतीयों तक पहुँची, तो यह प्रश्न और भी मुखर हुआ कि धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों और उन्हें शरण देने वालों को क्या मानवता का कोई मापदंड नहीं छूता?
अब समय आ गया है कि हिंसा को वैधता देने वाले विचारों, धर्मग्रंथों के विकृत प्रचार और उनके उकसावे को वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित किया जाए। यह केवल भारत का नहीं, बल्कि समूची मानवता का प्रश्न है।
जब हम 1947 के भारत विभाजन को स्मरण करते हैं, तो यह तथ्य भी सामने आता है कि भारत के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर-पश्चिमी सीमांत क्षेत्रों के सामाजिक व्यवहार, जैसे अशांत स्वभाव, हिंसक प्रवृत्ति, लूटपाट और बाह्य आक्रामकता को भी गंभीरता से परखा था। उद्देश्य था – एक ऐसा शांतिपूर्ण भारत जो विकास में अपना ध्यान केंद्रित रख सके।
'अखंड भारत' केवल भूगोल नहीं, एक सांस्कृतिक चेतना है। प्राचीन भारत की सीमाएं हिन्दुकुश से म्यांमार तक और श्रीलंका से ईरान तक विस्तृत थीं। यह केवल ऐतिहासिक गौरव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रेरणा है।
सीमाएं केवल रेखाएं नहीं होतीं – वे संस्कृति और आत्मा होती हैं। भारत की भूमि सीमा लगभग 15,200 किमी और समुद्री सीमा 7,500 किमी से अधिक है। परंतु रेडक्लिफ रेखा, मैकमोहन रेखा और डूरंड रेखा केवल सीमांकन नहीं, विभाजन की पीड़ा की स्मृति भी हैं।
आज भारत पुनः अपनी रक्षा-संवेदनशीलता को जागृत कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर इसका प्रमाण है। अब सीमाओं की रक्षा केवल सैनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का विषय बन चुकी है।
अखंड भारत की परिकल्पना अब कोई काल्पनिक विचार नहीं, बल्कि विचारशील और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण का आधार है।
हमारा दायित्व है कि हम इतिहास से सीखें, वर्तमान को सजगता से समझें और भविष्य की दिशा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ें।
========{{============}}========
[[वर्तमान समय की परिस्थिति को पूर्ण रूप से समेटता हुआ, एक संतुलित, तथ्यात्मक और भावनात्मक रूप से सशक्त हिंदी लेख, जिसे समाचार पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
लेखक 
सुधीर मिश्रा 
ठंडी सड़क शिवपुरी

Tags

Newsletter Signup

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque.

एक टिप्पणी भेजें