ईमेल कॉपी से उजागर हुआ स्लैव के गिरने और गिराने का सच..।
_विवादित रेलवे पुल के मामले में आया नया मोड़.. अधिकारी ने ठेकेदार को पूर्व में ही लिखा था रेलवे ब्रिज के स्लैब को गिराने का पत्र, ईमेल के माध्यम से 13 जून को ही भेजी थी ठेकेदार को आदेश पत्र की कॉपी.._
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी समाचार 18/06/25।।
शिवपुरी में रेलवे ओवर ब्रिज का काम पिछले 2 माह से निर्माणधीन है। 88 करोड़ के इस ब्रिज के निर्माण कार्य का भूमिपूजन केंद्रीय मंत्री एवम शिवपुरी गुना क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किया गया था, इसलिए इसके निर्माण कार्य की सतत् जानकारी सीधे सांसद सिंधिया तक पहुंच रही थी। हालही में पुल निर्माण के दौरान पुल के एक पीयर स्लैब में निर्माण कार्य के पश्चात आधिकारिक जांच के दौरान कुछ हिस्सों में दरार नज़र आईं। दरार की गहराई काफ़ी ज्यादा थी जिसके मद्देनजर जांच को ग्वालियर से आए ईई जोगिंदर सिंह ने कार्य में कमी पाते हुए शुभम कंस्ट्रक्शन कम्पनी को ईमेल के माध्यम से एक पत्र मेल किया। जिसमें रेलवे ओवर ब्रिज के पीयर पी 15 से पी 16 तक के स्लैब में क्रेक्स का हवाला देते हुए उसे तत्काल डिस्मेंटल करने के आदेश दे डाले। साथ ही यह भी लिखा कि आपके द्वारा किए गए निर्माण कार्य के अवलोकन के दौरान जिस स्लैब में क्रैक्स पाए गए हैं उसे दो दिन के अन्दर में डिस्मेंटल कर विभाग को सूचित करें। आदेश का पालन न किए जाने की दशा में उक्त कम्पनी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
14 की रात को गिराया स्लैब पर ख़बर उड़ी कि घटिया पुल गिरा..
दरअसल जांच के बाद दो दिन के अन्दर स्लैब p15 से p 16 तक के हिस्से को गिराया जाना था ताकि वह हिस्सा सूखकर मजबूत न हो पाए। इसलिए सब इंजीनियर ने ठेकेदार को 14 जून की रात को ही पुल के इस हिस्से को गिराने की बात कही, वहीं ठेकेदार द्वारा अपने मजदूरों को हमर एवम अन्य संसाधनों के माध्यम से इस हिस्से को गिराया जाना सुनिश्चित कर लिया है और पुल का यह हिस्सा गिराया गया ( ठेकेदार द्वारा ऐसा बताया गया) पर इस दरमियान कुछ कर्मचारी स्लैब के साथ ही नीचे गिर गए। इसके बाद वहां उपस्थित मजदूरों में भगदड़ मच गई। आनन फानन में जख्मी मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और सुबह जब आसपास के लोग वहां मौजूद हुए तो खबर उड़ गई के रेलवे पुल का एक हिस्सा अचानक ही धराशाई हो गया है। साथ में इसमें हल्की गुणवत्ता का सामान इस्तेमाल करने की वीडियो भी सोशल मीडिया पर आने लगी। फिर क्या था..?? इस मामले को मीडिया के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के नेता ने भी अपनी फेसबुक बॉल से ट्रोल करना चालू कर दिया।
सिर्फ़ एक गलती पड़ गई भारी..
यहां आपको बताना उचित होगा कि जब भी इस तरह के डिस्मेंटल से संबंधित विभागीय कार्य होते हैं जहां पर लोगों का आवागमन रहता है वहां शासकीय विभागों द्वारा आमजन के लिए पहले ही प्रेस रिलीज कर दी जाती है। ताकि कार्य करने में असुविधा ना हो और आमजन को किसी प्रकार की हानि भी ना पहुंचे।
हमने यह भी पूछा...
हमने पूछा कि आखिर आपने पीआरओ के माध्यम से कोई प्रेस रिलीज क्यों नहीं दी थी..? जिस पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने सफाई दी कि हमारे वर्क मैन्युअल में यह साफ़- साफ़ लिखा है कि, हम किसी भी निर्माण कार्य में कमी पाए जाने पर उसे कभी भी डिस्मेंटल कर सकते हैं। जिसके लिए अगर रास्ता आम नहीं है तो प्रेस रिलीज की आवश्यकता भी नहीं है और ना ही पुलिस विभाग को बताने की जरूरत है।
फिल्हाल जांच के कटघरे में है रेलवे ओवर ब्रिज...
पुल के इस स्लैब के अचानक गिरने की घटना को प्रदेश लेवल की मीडिया को कवरेज मिला इसलिए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी फेसबुक बॉल से इस ख़बर के वीडियो को प्रेषित कर भाजपा की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर निशाना साधा। जिस वजह से इस पुल का कार्य कुछ समय के लिए रोक दिया गया। जहां एक ओर इस पुल पर जांच की आंच भी आ गई है। वहीं दूसरी ओर अधीक्षण यंत्री ने इस पुल के कार्य को अपनी देखरेख में बनवाने वाले सब इंजीनियर रविंद्र शर्मा को नोटिस देते हुए मुख्य कार्यपालन अभियंता से पुल का कार्य कर रही कम्पनी शुभम कंस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा भी कर दी है।
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