मैं डॉक्टर हूं ईश्वर का भेजा ईश्वरीय पैगाम नहीं...जान लगा देता हूं कि जान बचा लूं किसी की, पर हूं तो इंसान कोई भगवान तो नहीं....
मैं डॉक्टर हूं ईश्वर का भेजा ईश्वरीय पैगाम नहीं...
जान लगा देता हूं कि जान बचा लूं किसी की पर हूं तो इंसान कोई भगवान तो नहीं....
कुछ इस तरह से दी सीएमएचओ शिवपुरी ने डॉक्टर्स डे पर सभी चिकित्सकों को शुभकामनाएं।
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी 02/07/25।। ये भावनाएं हैं जो एक डॉक्टर के दिल से निकली हैं। डॉक्टर अपने पेशे में मरीज को समस्या से निजात दिलाने या उसकी जान बचाने के लिए जी जान लगा देता है। बदले में उसको कुछ पैसा या थोड़ा अधिक पैसा जरूर मिल जाता है लेकिन जिसकी जान बचती है वह यह कह जाता है कि आप भगवान हो, आज आप नहीं होते तो मेरी जान नहीं बचती। पर वास्तव में डॉक्टर भी एक इंसान ही तो है, और गलतियां इंसान से ही होती हैं। अगर इंसान गलतियां ना करें तो वह खुद भगवान न बन जाए..!!
दरअसल इस तरह की ही सोच रखने वाले शिवपुरी जिले के निवासी डॉक्टर संजय रिशेश्वर जो वर्तमान में शिवपुरी जिले के सीएमएचओ प्रभार पर हैं तथा अपने प्रभार के दौरान वह चिकित्सा से जुड़े हर व्यक्ति चाहे वह डॉक्टर हो,नर्स हो या चिकित्सकीय कार्य से जुड़ा स्टाफ हो उनसे समय-समय पर ईमानदारी से अपना कार्य करने एवम अपने फर्ज के प्रति वफादार बने रहने की बात करते रहते हैं। बचपन में जब डॉक्टर संजय रिशेश्वर के पिता स्वर्गीय एम एस रिशेश्वर जी कि उनके काम के प्रति लगन के चलते जो ख्याति पूरे शिवपुरी जिले एवम आस-पास के ज़िलों में थी बस वही ख्याति दिल में घर कर गई और बन गए डॉक्टर। लेकिन समय ने कुछ और ही सोच रखा था। तो प्रैक्टिस करते-करते एडमिनिस्ट्रेशन की राह पकड़ ली, मगर फिर भी दिल के अंदर का डॉक्टर नहीं मरा। आज भी जब किसी डॉक्टर के उन्नयन कार्य को देखते हैं तो बिना बधाई दिए मन नहीं भरता। हाल ही में नेत्र चिकित्सा गिरीश चतुर्वेदी एक महीने बाद अपने कार्यस्थली शहर लौटे हैं। यहां वह अपनी चिकित्सकीय कार्य से लोगों को लाभ दे रहे हैं। डॉक्टर गिरीश चतुर्वेदी मूलतः श्योपुर के रहने वाले हैं तथा उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुरैना के जौरा स्थित नवोदय विद्यालय में हुई। 2005 में इन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री कंप्लीट कर ली थी उसके बाद इन्होंने पैथोलॉजी से पीजी कर ली। बाद में वह लोगों से डायरेक्ट जुड़ने की चाह के चलते नेत्र विशेषज्ञ बन गए। अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान यह जूडा (जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन) के अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में इनकी पोस्टिंग नेत्र चिकित्सा के रूप में जिला अस्पताल में है।
अभी हाल ही में @drGirishchaturvedi
एक माह के लंबे अवकाश के बाद अपनी कर्मस्थली शिवपुरी लौटे तो ब्राह्मण समाज के लोगों ने एक कार्यक्रम कर उनको सम्मान से सुशोभित किया, साथ ही उनकी दीर्घायु की कामना भी की। इस सारे मामले को सुनने के बाद डॉक्टर संजय रिशेश्वर से रहा नहीं गया और उन्होंने फोन पर डॉ गिरीश चतुर्वेदी से न सिर्फ अवकाश के बारे में बातचीत की बल्कि सकुशल वापस लौटने और शहर के लोगों का उनके प्रति प्रेम को देखते हुए शुभकामनाएं एवम बधाइयां भी दीं।
आज डॉक्टर डे पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय रिशेश्वर ने जिले सहित पूरे प्रदेश और देश भर में अपनी चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे सभी डॉक्टर्स को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई प्रेषित की हैं।
एक टिप्पणी भेजें