जब भूमाफियाओं ने मगर का घर बेचा,तो बगीचे में लिया आसरा... इंसान अब जानवरों को भी नहीं बख्श रहे..
शहर के रिहायशी इलाकों में अक्सर बरसात के समय दिखाई देते हैं मगर मच्छ..
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी 29/06/25।। बारिश के मौसम में जंगली जीव-जंतु आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार सुबह शिवा नगर में सामने आया, जहाँ एक मगरमच्छ घर के बाहर लगे बगीचे में पहुँच गया।
घटना शिवा नगर स्थित एमआईजी–12 निवासी श्रीमती बिटोली देवी तोमर के घर की है। जब वे सुबह घर के बाहर बने बगीचे की सफाई कर रही थीं, तभी उनकी नजर झाड़ियों में पड़े एक मगरमच्छ पर पड़ी। पहले तो वे घबरा गईं, लेकिन हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने परिजनों को जानकारी दी और तुरंत फॉरेस्ट विभाग को सूचना दी गई।
सूचना मिलते ही फॉरेस्ट टीम मौके के लिए रवाना हुई, लेकिन देरी के चलते परिजनों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए रस्सी से फंदा बनाकर मगरमच्छ को काबू में कर लिया। कुछ देर बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर लिया और उसे चांदपाठा क्षेत्र में छोड़ दिया।श्रीमती तोमर का कहना था कि सुबह 4 बजे घर का पालतू कुत्ता बहुत तेजी से भोक रहा था तो संभवतः उसी समय यह मगरमच्छ वहाँ आया है और गार्डन की झाड़ियों में बैठ गया।
आख़िर क्यों आ जाते हैं जलीय जीव रिहायशी क्षेत्रों में..
गौरतलब है कि शिवपुरी शहर विकास के नाम पर चारों ओर फैलता जा रहा जिसमें आए दिन भूमाफियाओं द्वारा न सिर्फ़ खेतों म
को अपने हिसाव से डेवलॉप कर कॉलोनी(अवैध कॉलोनी जो की लाल मुरम की रोड़ डालकर दोनों तरफ़ के प्लेटों को मन मर्जी के रेटों में बेचकर भाग जाना) काटी जा रही हैं इन कॉलोनीयों का न कोई नक्शा है और न ही किसी प्रकार की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की परमीशन। हैरत की बात तो यह है कि भूमाफियाओं ने खसरे की जमीन को तो कॉलोनी बनाकर बेचा ही साथ ही सरकारी भूमि को भी ठिकाने लगा डाला। कुछ भूमाफियाओं ने सरकारी नक्शे से कुआं और नाले की जमीन भी बेच दी यही कारण है कि अब जलीय जीव जंतु बारिश के मौसम में अक्सर नालों व जल स्रोतों के जरिए रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा को खतरा बढ़ने लगा है।
कहां-कहां नालों पर हुए कब्जे...
शहर के पी एस होटल के पास नाला था जहां आज रोड़ है, सर्किट हाऊस रोड़ के पास जो नाला है भू माफियाओं ने उसे कब्जाते हुऐ नाली का रुप दे डाला है, सिटी सेंटर के पीछे नाले को कब्जाया गया है। होटल मातो श्री के समाने वाले नाले पर अवैध निर्माण हो चुके हैं। सर्वे नम्बर 756 मनियर क्षेत्र गुना टोल टैक्स के पास में लगी जमीन के सामने और पीछे निकले नाले पर हालही स्थानांतरण हुए पटवारी रावत की भूमाफिया से मिली भगत ने नाले को पटवा दिया, प्रशासन ने कार्रवाई तो की मगर आज भी नाले पर भूमाफिया का ही कब्ज़ा है।
वहीं महावीर नगर कॉलोनी में एक मिठाई वाले की मिठाई से खुश होकर जैन मन्दिर की धर्मशाला के नाम पर सामने ही खड़े रहकर खुद प्रशासन ने पुल बनवा कर कब्जा करवाया है। जब यह सब होगा तो मगरमच्छों को रिहायशी इलाकों और उनके बगीचों का ही सहारा लेना पड़ेगा।
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