बकील ने ऐसी दी दलील.. कि दहेज के आरोपी को दोषमुक्त कराया, वो भी तब जब लगा रखी थी अपील..
दहेज के आरोप में अपील में भी न्यायलय ने किया दोषमुक्त। प्रकरण में पैरवी बकील पंकज आहूजा ने की..
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।। शिवपुरी 10/07/25।। मामला शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील अतर्गत आने वाले नयागांव का है। जहां पर रहने वाले मंगल लोधी और उसके परिवार को तब हैरानी हुई जब उन्हीं के घर में ब्याह कर आई नवविवाहिता ने अपने पति सहित सास- ससुर एवं देवर पर दहेज प्रताड़ना का झूठा आरोप लगाते हुए शिवपुरी महिला थाने में दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। जैसे ही मंगल लोधी और उनके परिवार को इस मामले की सूचना मिली वह हक्के-बक्के रह गए। फिर मामला थाने से निकलकर कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया। मंगल लोधी बहुत परेशान था कि आखिर इस समस्या से कैसे छुटकारा मिले, जहां एक ओर रोजी-रोटी की समस्या आ चुकी थी वहीं दूसरी ओर इस प्रकरण में कैसे बरी हों यह भी बहुत अहम था। फिर वहीं पिछोर के रहने वाले एक शख्स ने उम्र से युवा तथा शख्सियत से वरिष्ठ बकील पंकज आहूजा का नाम सुझाया। और यह भी भरोसा दिलाया कि बकील पंकज आहूजा केस की गहराई में जाकर तो लड़ते ही हैं बल्कि अपने क्लाइंट को उस पर चल रहे केस से बरी भी कराते हैं, ऐसा मान सकते हो कि वह हर मुकदमे को व्यक्तिगत मानकर ही लड़ते हैं एवम जीत भी दिलाते हैं। फिर क्या था..!! मंगल लोधी के परिजन जो इस केस में नहीं थे पंकज आहूजा के कार्यालय गए एवं उन्होंने मंगल का केस लड़ने के लिए उनको चुना और नतीजा यह हुआ कि बकील पंकज आहूजा ने अपने मुब्क्किल को निचली अदालत से प्रकरण में दिनाँक 20/07/2024 को अपने क्लाइंट को जीत भी दिला दी। उसके बाद यह मामला अपील में गया तो दिनांक 16/07/2025 को वहां से भी बकील पंकज आहूजा ने मंगल लोधी एवं उनके परिवार को बइज्जत बरी करा दिया।
प्रकरण की वैधानिक जानकारी के पढें यह भी..
न्यायलय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमान विवेक शर्मा शिवपुरी द्वारा अभियुक्तगण-01. मंगल लोधी, 02. सुनील लोधी 3. विनोद लोधी 04. श्रीमती कपूरी लोधी को भा.दं.सं. की धारा 498ए, 294, 323 अथवा 323/34, 506 भाग-2 एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के अधीन दण्डनीय अपराध में दोषमुक्त किया गया है आरोपीगण की ओर से पैरवी विद्वान् अधिवक्ता पंकज आहूजा साहित चंद्रशेखर भार्गव आयुषी सिंह राणा,आकाश जैन, द्वारा की गईं।
संक्षेप में प्रकरण इस प्रकार है कि प्रकरण के अभियुक्तगण के विरुद्ध पुलिस महिला थाना द्वारा फरियादी की रिपोर्ट के आधार पर दहेज की मांग को लेकर फरियादी के पति, सास व देवर के विरुद्ध दहेज के लिए प्रेरित, दहेज एक्ट के तहत महिला थाने पर शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जिस आधार पर पुलिस महिला थाने द्वारा अभियुक्तगण-01. मंगल लोधी, 02. सुनील लोधी 3. विनोद लोधी 04. श्रीमती कपूरी लोधी को भा.दं.सं. की धारा 498ए, 294, 323 अथवा 323/34, 506 भाग-2 एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के अधीन दण्डनीय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई एवं भोग पत्र पेश किया गया,जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमति रूपम तोमर द्वारा दिनांक 20/07/2024 में भी निर्णय पारित किया। अतः अभियोजन द्वारा प्रस्तुत समस्त मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य के विश्लेषण उपरांत अभियुक्तगण-01. मंगल लोधी, 02. सुनील लोधी 3. विनोद लोधी 04. श्रीमती कपूरी लोधी को भा.दं.सं. की धारा 498ए, 294, 323 अथवा 323/34, 506 भाग-2 एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के अधीन दण्डनीय अपराध के आरोप से दोषमुक्त कर स्वतंत्र किया जाता है। इसके बाद फरियादी की ओर से राज्य द्वारा अपील प्रस्तुत की जिसमें फिर से अपीली कोर्ट में उक्त प्रकरण में पैरवी विद्वान् अधिवक्ता पंकज आहूजा द्वारा की गई। जिसमें माननीय न्यायालय के समक्ष जिरह तथा माननीय न्यायालय द्वारा पारित किए गए न्यायादृष्टांतो को बहस में प्रस्तुत किया गया। अधिवक्ता पंकज आहूजा, सहित चंद्रशेखर भार्गव आयुषी सिंह राणा,आकाश जैन, द्वारा रिकॉर्ड पर पेश किये गए तथ्य, दस्तावेजों एवं दलीलें से सहमत होकर माननीय न्यायालय ने निर्णय दिनांक 16/07/2025 को पारित कर अभियुक्त गण को दोषमुक्त किया जिसमें अधिवक्ता पंकज आहूजा ने बेगुनाह को दोषमुक्त करने अहम भूमिका निभाई।
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