आखिरकार पुलिस ने पकड़ ही लिया सुपारी लेकर जूस संचालक की हत्या का प्रयास करने वालों को..
कारोबारी कपिल मिनोचा पर जानलेवा हमला: पुलिस ने 72 घंटे में सुलझाई गुत्थी, आरोपी गिरफ्तार।
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।। शिवपुरी21/07/25।। शिवपुरी के थाना देहात पुलिस ने शहर के जाने-माने कारोबारी कपिल जूस सेंटर के मालिक कपिल मिनोचा पर हुए जानलेवा हमले के अज्ञात आरोपियों को 72 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
कुछ इस प्रकार रही घटना क्रमबार पढिए..
17 जुलाई 2025 की रात करीब 9:30 बजे, फरियादी कपिल मिनोचा (उम्र 36) अपनी जूस की दुकान बंद कर एक्टिवा (MP 33 ZJ 3090) से अपने घर बीर सावरकर कॉलोनी लौट रहे थे। जब वे अपनी कॉलोनी की पतंजलि वाली गली में अंकुर श्रीवास्तव के मकान के सामने पहुँचे, तो वहाँ दो अज्ञात व्यक्ति (उम्र करीब 35-40 वर्ष, पेंट-शर्ट व टी-शर्ट पहने, मास्क लगाए हुए) खड़े थे। कपिल जैसे ही उनके आगे निकले, उनमें से एक व्यक्ति ने उन पर जानलेवा हमला करते हुए चाकू से वार किया। चाकू कपिल की गर्दन में बाईं ओर लगा, जिससे खून बहने लगा। जब कपिल ने खुद को संभाला, तो हमलावर ने एक और वार किया, जो उनकी गर्दन के पीछे पीठ पर लगा। इस घटना के बाद, अपराध क्रमांक 272/25 धारा 109(1), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई।
पुलिस ने भी दिखाई गंभीरता की त्वरित कार्रवाई..
घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक शिवपुरी अमन सिंह राठौड़ ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मुले और नगर पुलिस अधीक्षक संजय चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी देहात निरीक्षक रत्नेश सिंह यादव को तत्काल एक टीम गठित कर कार्रवाई करने को कहा गया।
थाना प्रभारी देहात और उनकी टीम ने घटना के तुरंत बाद से ही अज्ञात आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालना शुरू कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में दिखे संदिग्धों की पहचान मुखबिरों की मदद से अरबाज खान और आशिफ के रूप में हुई। पुलिस ने आशिफ को उस समय घेराबंदी कर पकड़ा, जब वह घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल से फरार होने की फिराक में था।
थाना प्रभारी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही कर दिया खुलासा..
पुलिस पूछताछ में आशिफ ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और बताया कि गणेश मिनोचा ने कपिल मिनोचा को जान से मारने के लिए कहा था। आशिफ ने अरबाज खान, दानिश और छुन्ना के साथ मिलकर 17 जुलाई 2025 की रात को कपिल मिनोचा पर जानलेवा हमला किया था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।
क्यों बना चचेरा भाई भाई का दुश्मन..??
गिरफ्तार किए गए गणेश मिनोचा ने खुलासा किया कि कपिल मिनोचा उनके चचेरे भाई हैं और वे माधव चौक पर एक साथ जूस की दुकान चलाते थे। गणेश का आरोप है कि कपिल उन्हें गुमराह करके दुकान के फायदे का पैसा खुद रख लेता था। इसी पैसे से कपिल ने मथुरा और शिवपुरी में संपत्ति खरीदी थी, और कस्टम गेट के पास दो-तीन दुकानें भी खरीदी थीं। इसके अलावा, कोलारस में ताई के नाम वाली संपत्ति को भी कपिल ने धोखे से अपने नाम करा लिया था। गणेश ने यह भी बताया कि कपिल की पत्नी पूजा अक्सर उनकी माँ को गाली देती थी और झगड़ा करती थी, जिससे गणेश बेहद नाराज था और कपिल को खत्म करना चाहता था।
गणेश ने अपराधियों के साथ मिल की सुनियोजित साजिश..
गणेश ने बताया कि लगभग तीन महीने पहले वह जैन दूध डेयरी के पास एक चाय की दुकान पर सिगरेट पीने जाता था, जहाँ उसकी मुलाकात आशिफ से हुई। गणेश को लगा कि आशिफ उसका काम करवा सकता है, इसलिए उसने आशिफ से दोस्ती की और कपिल को जान से खत्म करने की अपनी इच्छा व्यक्त की। आशिफ ने यह काम कराने का आश्वासन दिया और गणेश को अपने दोस्त अरबाज खान से मिलवाया, जिसने बताया कि उसके पास लड़के हैं और वह यह काम करवा देगा।
गणेश, आशिफ और अरबाज अक्सर मिलते थे। लगभग ढाई महीने पहले, आशिफ और अरबाज ने गणेश की मुलाकात दानिश और छुन्ना से करवाई। ये सभी आरोपी अक्सर अरबाज के महाराणा प्रताप वाले टेंट हाउस के गोदाम में बैठकर मीटिंग करते थे और इस काम को अंजाम देने की योजना बनाते थे। आशिफ और अरबाज ने कपिल मिनोचा को जान से खत्म करने के लिए गणेश से 25 लाख रुपये की डील की थी, जिसके एवज में गणेश ने डेढ़-दो महीने पहले आशिफ और अरबाज को 50,000 रुपये एडवांस के तौर पर दिए थे, और शेष राशि काम होने के बाद देनी तय हुई थी।
अपराधियों ने किया रेकी बनाकर हमले का प्रयास पर नहीं हो सका सफल अंजाम...
जब समय बीतता गया और आरोपियों ने काम को अंजाम नहीं दिया, तो गणेश ने आशिफ और अरबाज से 50,000 रुपये वापस मांगना शुरू कर दिया। इसके बाद, घटना की तारीख 17 जुलाई 2025 से करीब 10-15 दिन पहले, आशिफ, अरबाज, दानिश और छुन्ना ने रेकी करते हुए कपिल मिनोचा पर एक सफल हमले का प्रयास किया था, लेकिन लोगों की आवाजाही ज्यादा होने के कारण वे उस समय घटना को अंजाम नहीं दे पाए।
घटना वाले दिन, आशिफ और अरबाज ने योजना बनाई कि दानिश और छुन्ना बीर सावरकर कॉलोनी में कपिल के घर के पास पहले से मौजूद रहेंगे। आशिफ और अरबाज कपिल मिनोचा का पीछा करते रहेंगे और दानिश और छुन्ना को सटीक लोकेशन देते रहेंगे। 17 जुलाई 2025 को रात 9:30 बजे, जब कपिल मिनोचा अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटी से जूस की दुकान से घर के लिए निकले, तो दानिश और छुन्ना पहले से ही घटनास्थल पर पहुँच गए थे। पीछे से आशिफ और अरबाज आशिफ की पल्सर मोटरसाइकिल से कपिल का पीछा करते रहे और अपने मोबाइल से दानिश को कपिल की सटीक लोकेशन बताते रहे। जैसे ही कपिल घटनास्थल पर पहुँचे, पहले से मौजूद दानिश और छुन्ना ने उन पर हमला कर दिया। कपिल ने अपनी एक्टिवा थोड़ी तेज कर दी, जिससे आरोपी उन्हें गिराने में सफल नहीं हुए, लेकिन दानिश ने दौड़ते हुए पीछा करते हुए पीछे से चाकू से दो बार वार किए, जो कपिल की पीठ और गर्दन पर लगे। चाकू टूट जाने के कारण दानिश निहत्था हो गया, तो दोनों वहां से दौड़कर भाग निकले। सभी आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद अरबाज के महाराणा प्रताप कॉलोनी के टेंट गोदाम में इकट्ठा हुए और फिर अपने-अपने घर चले गए।
इस मामले में देहात के अलावा सिटी कोतवाली की भी रही सराहनीय भूमिका...
इस घटना में लगभग 36 घंटे से ऊपर गुज़र गए तब एसपी अमन सिंह ने सिटी कोतवाली प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ को मामले अपना योगदान देने को कहा, मामले की गंभीरता को समझते हुए सिटी कोतवाली प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ ने अपने अनुभव के कुछ टिप्स देहात थाना प्रभारी को दिए जिनके चलते कुछ घंटों में सीसीटीवी कैमरा फुटेज, अन्य तकनीकी साक्ष्य और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ा गया। आरोपी अरबाज खान और छुन्ना उर्फ अजीत शाह पर पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इस सराहनीय कार्य में निरीक्षक रत्नेश सिंह यादव, सउनि विनोद गुर्जर, प्रआर विनय सिंह, दीपचन्द्र, आदेश धाकड़, प्र.आर. 4999 देवेंद्र सेन, प्र.आर. 808 अजय शर्मा, प्रआर 302 सुरेंद्र दुबे, आर. 897 शकील खान, आर. 556 सचेंद्र शर्मा, आर. 511 बदन सिंह, आर. 907 अरुण मेवाफरोस, आर. 925 बलवीर सेंगर, आर. 367 प्रमोद कुशवाह, आर. 672 रिंकू शाक्य, सीसीटीवी प्रभारी एवं टीम, और साइबर सेल टीम की मुख्य भूमिका रही।
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