News Breaking
Live
wb_sunny

Breaking News

कोई इसकी भी मदद करो, इसका तो मकान ही बिक गया..

कोई इसकी भी मदद करो, इसका तो मकान ही बिक गया..

सोशल मीडिया का कमाल इधर गरीब का मकान टूटा और समाज सेवियों ने मचा दिया धमाल...
 उधर एक गरीब अपने बच्चे के इलाज खातिर महाराज से भी लगा रहा है गुहार,उसका तो मकान ही बिक गया आखिर कब सुनोगे उसकी पुकार..
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें हर रोज एक नया समाजसेवी मकान पीड़ित परिवार को नाना प्रकार के प्रलोभन दे रहा है।
 कोई प्लॉट देने की बात करता है तो कोई बच्चियों की शादी की जिम्मेदारी ले रहा है। कोई कैश तो कोई रहने के लिए मकान से लेकर हर संभव मदद का आश्वासन दे रहा है, 
और कुछ दे भी चुके हैं। यह सोशल मीडिया का कमाल है जिससे पता चल रहा है कि शहर में समाजसेवी बहुत हैं।  आज हर समाजसेवी सोशल मीडिया पर अपनी आमद दर्ज कराने पर उतारू है। हर वह समाजसेवी जो समाजसेवी तो है, पर जनता में नहीं है वह भी समाजसेवी है। और जो समाजसेवी नहीं है पर जनता में है वह भी समाज सेवी है।
्या बात थी...
बात सिर्फ इतनी सी है कि एक पड़ोसी की अपने पड़ोसी से तकरार हो गई नतीजा यह हुआ कि मामला अवैध मकान को लेकर कोर्ट पहुंच गया, कोर्ट में जाने वाला पड़ोसी  दमदार था वह कोर्ट में लड़ता रहा और उसने साबित कर दिया कि पड़ोसी का मकान अवैध है।
 जिस पर कोर्ट नोटिस की कार्रवाई भी हुई, पर यह कह लीजिए कि पैसे के अभाव के चलते कह लो, या पढ़ाई की गंभीरता को नासमझना कह लो, या यह कह लो कि कुछ नहीं होता, बस यही बहुत कुछ हो गया,कोर्ट ने आदेश दिया और मकान टूट गया।
 मकान के टूटने से लेकर गरीब परिवार की महिला ममता विश्वकर्मा अपनी चार लड़की एवं एक लड़का सहित टूटे मकान के मलवे पर पूरी रात गुजार दी।
कुछ समाजसेवियों ने रात में ही फेसबुक पर पोस्ट डालकर यह संदेश भेज दिया कि आपको जब तक कोई आसरा नहीं तब तक हमारे मकान या फ्लैट में रहिए,तो किसी ने एक या दो महीने के लिए ऑफर तैयार किया, पर जब कोई नहीं आया और गरीब परिवार को पूरी रात वहीं बैठे देखा तब शहर की मीडिया एक्टिव हो गई और चला दी एक और खबर वह भी सोशल मीडिया पर, फिर क्या..?? दे दना दन समाजसेवीयों सोशल चेहरे सामने आने लगे और गरीब का इतना काम चल गया कि पड़ोसी फिर से जल गया।
एक अध्याय ख़त्म क्योंकि अन्त भला तो सब भला..
यह था एक अध्याय अब दूसरा सुनो हाल ही में एक बच्चा विवेक प्रजापति पुत्र राम कुमार प्रजापति निवासी ग्राम ऊंची कराई तहसील शिवपुरी एवं जिला शिवपुरी का है। जिसकी उम्र लगभग 16 साल है जो कुछ महा पूर्व एक मोटरबाइक एक्सीडेंट में चोटिल हुआ था। जहां उसके सिर में चोट आई और कुछ खून के थक्के जम गए थे उस समय तो वह सही हो गया लेकिन बाद में वह क्लॉटस ने अपना रंग दिखाना चालू किया और इस बच्चे को इतनी तकलीफ बढ़ गई कि ग्वालियर भर्ती करना पड़ा। ग्वालियर लगभग 15 दिनों से प्राइवेट हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है। पहले दो दिन तक तो 70000 रुपए प्रतिदिन खर्चा आया पर उसके बाद प्रतिदिन₹40000 बच्चे के इलाज में लग रहे हैं। 
परिवार बेहद गरीब है तो बच्चे के पिता रामकुमार प्रजापति ने पुत्र की जान बचाने खातिर अपने एक रिश्तेदार से मदद मांगी इस परेशानी को समझते हुए रिश्तेदार ने अपना एक पुश्तैनी मकान जो कुमार मोहल्ले कमलागंज में स्थित था 5 लाख में बेच दिया, और सारा पैसा इलाज में खर्च के लिए दे दिया। बच्चा अभी भी वेंटिलेटर पर है डॉक्टर ने कहा है कि एम्स ले जाइए वहां यह सही हो सकता है।
स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से लगाई गुहार..
वहीं बच्चे के परिजनों ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया  के ग्वालियर पी ए श्री मिश्रा  को मामले से अवगत कराया एवं व्हाट्सएप के माध्यम से एक अपील भी भेज दी। पर 12 दिन गुजरने के बाद भी नतीजा विफल रहा, वहीं दिल्ली संपर्क बिठाने पर वहां से किसी खास की यह आवाज भी आई कि एम्स में किस तरह के मरीज को नहीं लिया जाता है जो वेंटिलेटर पर हो। सवाल यह है कि क्या देश के जाने-माने और अति आधुनिक अस्पतालों में भी इस तरह के मरीज़ का इलाज नहीं है..?? अगर नहीं तो डॉक्टर को उस गरीब को मना कर देना चाहिए कि इस बच्चे का इलाज नहीं हो सकता, पैसे मत खर्च करो..। पर ऐसा नहीं है..!! डॉक्टर्स प्रयत्न कर रहे हैं बच्चे को बचाने की और परिवार को डुबाने की। वहीं यह मामला अभी सोशल मीडिया में नहीं आया तो गरीब परिवार को भी कहीं से कोई मदद नहीं मिल पा रही है। सवाल यह है कि यह कह देना कि त्योहारों के दिन एम्स में छुट्टी रहती है, एम्स में कोटे का बेड खाली नहीं है,वेंटिलेटर वाले मरीज को एम्स झेलता नहीं है, महाराज अभी दो-तीन दिन में बता देंगे, क्या इस तरह की बातें सही हैं, या तो सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तक यह बात ही नहीं पहुंची है या..?? अगर ऐसा है तो महाराज यह कैसा है..??
लेखक:-वीरेन्द्र "चर्चित"

Tags

Newsletter Signup

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque.

एक टिप्पणी भेजें