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सीएमओ और बागी पार्षदों में हुई भिड़ंत.....तू-तू, मैं-मै से नौबत आई हाथापाई तक......

सीएमओ और बागी पार्षदों में हुई भिड़ंत.....तू-तू, मैं-मै से नौबत आई हाथापाई तक......

इधर रामजी व्यास तमतमाते रहे उधर सीएमओ गाड़ी में बैठ हो लिए फुर्र.. 

।। चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी 01/10/25।। परसों शाम लगभग 4:00 शिवपुरी नगर पालिका में मानो आग सी बरस गई,नगर पालिका के कर्मचारियों सहित ठेकेदार और निजी कार्यों से आए नागरिकों ने दांतों तले उंगली दवा ली, लोग देखकर इतने हैरान रह गए कि किसी से कुछ कह नहीं पा रहे थे जब खबरनबीसों ने जानकारी पाना चाही तो सब लोगों का रटा सा जवाब था कुछ हुआ तो था पर मैं आया नहीं था, वहां मौजूद नहीं था, वहां से दूर था, उड़ते-उड़ते सुना है, सच यह है यह सब कहने वालों को नगर पालिका की तीसरी आंख ने भी कैच कर लिया पर यहां लोगों के मुंह को मानों जैसे सील दिया गया हो।
कल शाम जब बागी पार्षदों की टोली अपने नेताओं के साथ शिवपुरी नगर पालिका सीएमओ के चेंबर में गई तो वहां का नजारा ही बदल गया पहले तो सामान्य तौर पर बातचीत चलती रही जिसमें बागी पार्षदों द्वारा सीएमओ को अपना मानते हुए अपनापन दिखाया गया इसके बाद ज्योंहि 4.5 करोड़ की रोड रेस्टोरेशन की फाइलों के बारे में जानकारी मांगी गई तो सीएमओ ने अनदेखा करना चालू कर दिया, जिस पर नेता जी ने विकास कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि अब आप आ गए हैं तो विकास कार्य को भी सुनिश्चित कीजिए, पर सीएमओ शिवपुरी को तो मानों किसी ने चुप रहने की घुट्टी सी पिला दी हो, CMO अपने फोन वार्तालाप पर चिपक गए और सभी बागी पार्षदों को सुनकर भी अनसुना करते रहे। जिसे देख पार्षदों को रहा नहीं गया और उन्होंने कहा कि सीएमओ साहब हम आपके पास वार्डों के विकास की और भ्रष्टाचार की समस्या को लेकर आए हैं और आप हैं कि हमें तब्बजो ही नहीं दे रहे हैं..?? इतना सुन सीएमओ बोल बैठे कि मुझे त्वरित ही कलेक्टर साहब के पास जाना है। आप जल्दी बताओ क्या काम है..?? इस पर पार्षद नेता जी को रहा नहीं गया और उन्होंने कह दिया कि आपको किसी का फोन नहीं आया बस हमें देखकर जाने का बहाना बनाने लगते हैं,फिर भी आपको जाना है तो हम रोक नहीं सकते आप चले जाइए  इसके बाद सीएमओ शिवपुरी अपने केबिन से बाहर आ गए जहां पर कुछ स्थानीय ठेकेदार अपने पेमेंट को लेकर लाइन में खड़े थे सीएमओ को देखकर वह भी अपना दुखड़ा रोने लगे जिस पर राम जी व्यास भी केबिन से बाहर आ गए और ठेकेदारों के पेमेंट की बात करने लगे,अब जैसे ही पेमेंट की बात आई तो सीएमओ साहब ने नानुकुर करना चालू कर दिया तो पार्षद पति रामजी व्यास ने प्रभारी मंत्री की बात याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने भी छोटे ठेकेदारों के भुगतान करने की बात कही थी जिस पर सीएमओ ने कहा कि आप उनसे मेरी बात करा दीजिए, यहां तक तो गुस्से का बांध थमा था वहीं बीच में एक रिटायर्ड कर्मचारी के जीपीएफ फंड का मामला भी आ गया जिस पर पर नेता जी ने उनको सुनने की और कर्मचारी को समायोचित न्याय दिलाने की बात कही पर सीएमओ का सिर्फ़ एक ही जवाब था कि मुझे अभी जल्दी जाना है आकर मिलता हूं, इस पर रामजी व्यास भड़क बैठे और उन्होंने सीएमओ शिवपुरी को अनाप शनाप कह डाली, सुनने में तो यहां तक आया है कि रामजी व्यास ने कहा इतना एटीट्यूड अच्छा नहीं है तुम कोई कलेक्टर नहीं हो मामूली से सीएमओ हो बस, और पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो, लाखों का भ्रष्टाचार तुमने भी किया है, तुम्हारी भी फाइल जल्द खुल जाएगी, जिसपर सीएमओ भी गर्मी में आ गए और मामला ज्यादा सुर्ख हो गया मामले को बढ़ता देख उपाध्यक्ष पति रामजी व्यास के शुभचिंतक सेंगर ने मध्यस्ता दिखाते हुए व्यास और सीएमओ के बीच आकर मामला ठंडा करने का प्रयास किया इन सब में भी सीएमओ यह कहकर गाड़ी में बैठ फुर्र हो लिए कि जो दिखे सो कर लेना।
नगर पालिका के कुछ कर्मचारियों ने कहा कि प्रायोजित बुलाए ठेकेदार इसीलिए नहीं हुआ पेमेंट..
वहीं नगर पालिका के कुछ कर्मचारियों का यह भी कहना है कि जैसे ही नगर पालिका सीएमओ अपने केबिन में बैठे तो बगीचा सरकार की कसम खाने वाले पार्षदों की एक टोली जाकर सीएमओ चेंबर में बैठ गई और अपने ठेकेदारों का पेमेंट कराने के लिए पहले प्यार से फिर दबाव से भुगतान कराने का प्रयास करने लगी, जिसे सीएमओ भांप गए और उन्होंने कलेक्टर से मिलने की बात कहकर वहां से नौ दो ग्यारह होने का प्लान बना लिया।  यह बात को उपाध्यक्ष पति समझ गए और मामला तू-तू मैं-मै तक आ गया।
दूध के जले सीएमओ अब छाछ को भी फूंक रहे..
आपको बताना लाजिमी होगा कि पिछली बार सीएमओ की तत्परता उनको एक बड़ी मुसीबत के घेरे में ले आई थी। दरअसल हुआ यह कि कुछ पार्षद द्वारा वार्ड नंबर 1 से 39 में किए गए कच्चे कार्य (मुरम, कत्तल, जीरा,गिट्टी) की फाइल मांगी गई जिसे सीएमओ ने तत्परता दिखाते हुए मात्र 1 या 2 दिवस में ही उपलब्ध करा दी। जिससे बड़ा कांड उजागर हुआ और इस आग में खुद सीएमओ शिवपुरी अपने हाथ जला बैठे। अब भी वह फफोले कसक रहे हैं, सीएमओ को यह मालूम चल चुका है कि फैली हुई उस आग के जख्म अभी भी ताजा हैं और इनको नासूर बनने में समय नहीं लगेगा और वह तब और कष्टकारी हो जाता है जब डॉक्टर खुद ही मरीज के सामने घाव से होने वाले दर्द को अपने मुख से बयां करने लगे। इस मामले में नगर पालिका शिवपुरी में कुछ कर्मचारीयों का तो यहां तक कहना है कि सीएमओ शिवपुरी ने बागियों को वार्डों में हुए डस्ट,जीरा, मुरम वाले कार्यों की फाइल इसलिए दिलाई थी कि वह नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा कराए गए भ्रष्टाचार का पटाक्षेप करके एक तरफ अपना राज्य कर सकें और सिस्टम को जैसा चाहे वैसा चला सकें जिस पर बागी पार्षदों का साथ तो था ही बल्कि यूं कहें कि स्थानीय विधायक का भी सीएमओ पर हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया आ रहा था पर जैसे ही उपयंत्री, सहायक यंत्री और ठेकेदार पर FIR हुई बागी पार्षदों ने अपना रंग बदलना चालू कर दिया और अध्यक्ष पर FIR कराने की चलते सीएमओ को भी टारगेट करने लगे।
यहां सीएमओ पर यह शेर कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि,
 " मैं इस उम्मीद में डूबा तू बचा लेगा और इससे ज्यादा मेरा इम्तिहान क्या लेगा..
और बागी पार्षदों ने इस शेर की परिभाषा ही बदल दी। उनके मतानुसार यह बात प्रचलित हुई कि,  तेरे इस सहयोग को क्या ये शहर  भुला देगा.. पहले तू मरेगा तभी तो अध्यक्ष को सजा देगा..!! 
इस बात की जानकारी सीएमओ से लेनी चाही तो उन्होंने साफ़ शब्दों में कह दिया कि मेरा और बागी पार्षदों के साथ ऐसा कोई भी विवाद नहीं हुआ है।
वहीं बागी पार्षदों के नेता ने साफ़ शब्दों में कह दिया कि अब हम इनको जेल पहुंचा कर ही दम लेंगे.. 
तो क्या सरकारी योजना अमृत 1.0 और 2.0 की तरह.. 
बगीचा सरकार आंदोलन 1. 0 और 2.0 होगा..?? अगर ऐसा होगा तो जनता के लिए बेहतर होगा, क्योंकि फ़िर अगले भ्रष्टाचार के लिए 3.0 और 4.0 भी हो सकता है, 
कुछ रिटायर्ड जज, पूर्व सीएमओ और वर्तमान के वरिष्ठ अधिकारियों के भी रहे अपने अपने मत..
बहरहाल कुछ वरिष्ठ लोग जिसमें पूर्व सीएमओ, वर्तमान में उच्च अधिकारी और रिटायर्ड जज की तहरीर को माने तो यह कार्यकाल ऐसे ही निकलने की संभावना है वहीं रिटायर्ड जज का 16 लाख के गबन मामले में स्पष्ट कहना है कि बात केवल इंजीनियर तक नहीं रुकेगी कोर्ट के माध्यम से और अधिक नाम केस में 100 प्रतिशत जुड़ेंगे वहीं बात-बात पर गाली देने वाले पूर्व सीएमओ का कहना है चू... ने ज्वाइन तो कर लिया अब कोई बहाने से छुट्टी लेकर भाग जाए तो ही भलाई है इसकी, खुद तो मरा हमको भी मरवा गया भो....🤣🤣
वहीं उच्च अधिकारी का भी यही कहना है कि कलेक्टर द्वारा रगड़ तो उसी दिन दिए जाते पर क्या है कि FIR के लिए आवेदन  पहले ही चला गया था।
खैर अब पिक्चर में सिर्फ़ वेट एंड वॉच चल रहा है.. 😎😎
यह प्रकरण बहुत से जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों कर्मचारियों और ठेकेदारों के लिए भ्रष्टाचार से पनपी दोधारू तलवार की याद दिलाती रहेगी..!!
लेखक:- वीरेंद्र "चर्चित "
मोबाइल नंबर   9977887813

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