दो युवा बने शहर के प्रेरणा श्रोत...रोज करते हैं 20 किलोमीटर साइकिलिंग.. गांव-गांव जाकर देते हैं युवाओं को फिटनेस का संदेश..
🌍 विश्व साइकिल दिवस 2025 पर समाजसेवियों का शहर को संदेश...
“साइक्लिंग से प्रकृति की ओर” अभियान चलाकर रवि गोयल और सौरभ बिंदल बने शिवपुरी की प्रेरणा..
🚴♂️ 475 युवाओं को साइक्लिंग और पर्यावरण के प्रति किया जागरूक
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।।शिवपुरी, 3 जून 2025।।
विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर शिवपुरी शहर एक हरित संकल्प का गवाह बना, जहाँ दो पर्यावरण प्रेमियों – रवि गोयल (संयोजक, शक्तिशाली महिला संगठन समिति) और सौरभ बिंदल (बिंदल मसाले संचालक) ने अपने निरंतर प्रयासों से यह संदेश दिया कि साइकिल सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि एक क्रांति है – शांति और स्वच्छता की।
🌿 साइक्लिंग: स्वास्थ्य, पर्यावरण और चेतना का संगम..
रवि गोयल, जो प्रतिदिन 20 किमी साइकिल चलाते हैं, मानते हैं कि –> "हर पैडल प्रकृति के प्रति एक प्रण है। जब हम साइकिल चलाते हैं, तो हम शोर और धुएँ की दुनिया से दूर, शांति और हरियाली की ओर बढ़ते हैं।"
फिटनेस के आदर्श बने बिंदल...
वहीं सौरभ बिंदल भी पिछले दो वर्षों से प्रतिदिन 20 किमी साइक्लिंग करते हुए समाज के लिए एक आदर्श बन गए हैं। वे कहते हैं –> "साइकिल एक ऐसी शक्ति है जो न थकती है, न थकाती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति देती है। यह जीवन को धीमा नहीं, सार्थक बनाती है।"
📢 जन-जागरूकता कार्यक्रम – “साइकिल विद नेचर” अभियान..
इस विशेष दिवस पर “साइकिल विद नेचर” नामक एक जनजागरूकता अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत रवि गोयल और सौरभ बिंदल ने शिवपुरी से सुरवाया तक 10 गांवों का दौरा किया और 475 से अधिक युवाओं को साइकिलिंग के पर्यावरणीय, शारीरिक और मानसिक लाभों के प्रति जागरूक किया।
यह बने कार्यक्रम का भाग..
कार्यक्रम में शामिल रहे पोस्टर प्रदर्शन, प्रेरक संवाद, और ‘हर सप्ताह दो दिन साइकिल अपनाओ’ शपथ अभियान, जिससे युवाओं में उत्साह और भागीदारी की लहर दौड़ गई।
🎯 कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य:......
1. 🌱 पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-संवेदना बढ़ाना
2.🚴♀️ युवाओं में फिटनेस और ईको-फ्रेंडली जीवनशैली को बढ़ावा देना..
3.📉 प्रदूषण और ट्रैफिक को कम करने की ओर सामूहिक प्रयास को प्रोत्साहन देना..
🌟 साइकिल फॉर ए बेटर फ्यूचर – थीम को किया जीवंत..
इस वर्ष की थीम “Cycle for a Better Future” को साकार करते हुए दोनों प्रकृति प्रेमियों ने शहरवासियों को सन्देश दिया कि यदि हम हफ्ते में कम से कम दो दिन साइकिल का उपयोग करें, तो यह न केवल धरती के लिए वरदान होगा, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और मन के लिए भी एक संतुलन का साधन बन जाएगा।
अस्तित्व युवा का संदेश:
“बदलाव की शुरुआत घर से होती है – और हर साइकिल की रफ्तार बदलाव की दिशा तय करती है।”
युवा अस्तित्व ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे खुद साइकिल चलाएं, बच्चों को साइकिल से स्कूल भेजें, और साइक्लिंग को अपने जीवन की आदत बनाएं।
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