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नहीं रहे हर दिल अजीज़ अजीत सिंह राठौड़... शहर में शोक व्याप्त..

नहीं रहे हर दिल अजीज़ अजीत सिंह राठौड़... शहर में शोक व्याप्त..

🔹 एक जीवन, जो सिर्फ जिया नहीं गया,बल्कि तपाया गया था...!!
👉स्व.अजीत सिंह राठौड़ केवल एक व्यक्ति नहीं थे बल्कि एक विचार थे,जुनून थे,सेवा,समर्पण,कर्तव्यनिष्ठ और संकल्प की मिसाल थे..!जीवटता थी उनमें ओर कभी हार न मानने का गुण था उनमें..!
कर्म की शिक्षा उन्हें बचपन से ही मिली।पिता स्व. अर्जुन सिंह राठौड़ जी स्काउट शिक्षक थे, जिन्होंने साइकिल से नेपाल और श्रीलंका तक की यात्राएं कीं।मां स्व. श्रीमती शेलवाला राठौड़ भी शिक्षक रहीं, जो सेवा-निवृत्ति के बाद 15 वर्षों तक लंबी बीमारी से जूझती रहीं।अजीत सिंह ने इसी कालखंड को 'सेवा का यज्ञ' बना दिया।जहां लोग एक-दो साल की सेवा में थक जाते हैं, वहीं अजीत सिंह राठौड़ ने अपनी माँ की अनवरत सेवा को अपने जीवन की उपासना बना लिया।
प्रारंभिक दौर में जब शहर में इलोक्ट्रानिक्स की चंद दुकानें थी तब अजीत सिंह ने मेला ग्राउंड के सामने"अजीत इलोक्ट्रानिक्स"के नाम से शोरूम खोला जो स्थापित नाम था।अनेक सड़क दुर्घटनाओं ने खुद के शरीर की दर्जनों हड्डियां तोड़ डालीं,चिकित्सको ने लाख मना किया मगर उन्होंने नही माना।योग में पारंगत अजीत सिंह ने अपने शरीर को फिर खड़ा किया ।संघर्षों से जूझकर, बिना हार माने उन्होंने खुद की दिनचर्या में बदलाव किया।सुबह 3 बजे उठकर भदैया कुंड ओर फिर पर्यटक स्वागत केंद्र में योगाभ्यास उनका प्रतिदिन का रूटीन था।उनके कुछ आसन तो इतने कठिन थे कि सामान्यतः स्वस्थ व्यक्ति भी वैसा न कर पाए।
वे केवल योग प्रशिक्षक नहीं थे, बल्कि योग को जीवन की साधना मानने वाले एक तपस्वी थे।खुद को संयमित रख मातृ सेवा उनका ध्येय रहा।
स्व.अजीत सिंह राठौड़ स्काउट मूवमेंट में राष्ट्रपति पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके थे जो उनके अनुशासन, सेवा और समर्पण के प्रमाण हैं।
उनके बड़े भाई भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं,बेटा कुणाल सिंह आईटीबीपी में स्पोर्ट्स ट्रेनर है,तीनों बेटियों का विवाह हो चुका है। संघर्ष के दौर में पत्नी सुलेखा राठौड़ ने खुद ग्रहणी होकर एक टिपिन सेंटर का संचालन कर पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन किया । 
आज जब हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, तो यह केवल एक व्यक्ति को विदाई नहीं है 
यह सेवा, योग, मातृभक्ति और राष्ट्रनिष्ठा जैसे मूल्यों को प्रणाम है,जो अजीत सिंह राठौड़ जैसे व्यक्तित्व ने न केवल जिए, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा बना दिए।
चर्चित समाचार हर दिल अजीज योग गुरु को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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