अगर ऐसा हुआ तो नप जाएंगे बहुत से अमीर.. पर क्या इन पर वैधानिक कार्रवाई होगी...??
मामला एपीएल और बीपीएल कार्ड को लेकर उन्हें सर्वे का..
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
।। शिवपुरी 26/08/25।।
क्या है मामला: - बीपीएल और एपीएल कार्ड धारी को लेकर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्टर शिवपुरी को लिखा पत्र, कहा जल्द से जल्द जांच कराई जाए एवं मुझे और संबंधित शिकायतकर्ता को सूचित किया जाए।
कब और कहां का है मामला:- लगभग एक महा पूर्व ग्राम खतौरा तहसील बदरवास के भाजपा कार्यकर्ता पीयूष गुप्ता ने सांसद ज्योति सिंधिया के समक्ष एक आवेदन के माध्यम से शिवपुरी जिले की तहसील बदरवास में एपीएल कार्ड धारी वह बीपीएल कार्ड धारी के पुनः सर्वे करने की बात कही जिसे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर शिवपुरी रविंद्र कुमार चौधरी को एक पत्र लिखा, जिस पत्र में यह कहा गया कि मुझे खतौरा निवासी पीयूष गुप्ता का एक पत्र मिला है जिसमें बदरवास तहसील अंतर्गत सभी गांव में आपके माध्यम से बनाई गई एक टीम सर्वे करने जाए और वह प्रॉपर सर्वे करके कुल कार्ड धारीयों का जायज़ा कर जिला प्रशासन को पूरी जानकारी एकत्र कर प्रस्तुत करे कि कितने बीपीएल एवं एपीएल कार्ड धारी हैं जिसमें कितने योग्य तथा कितने अयोग्य हैं, साथ ही यह भी कहा कि पात्र व अपात्र दोनों की जानकारी मुझे एवं संबंधित शिकायतकर्ता को भी दी जाए।
मामले का निष्कर्ष:- अगर सारे जिले में बीपीएल व एपीएल कार्ड धारीयों की पात्र व अपात्रता की जानकारी के लिए सर्वे हुआ तो ऐसे कई लोग हैं जो बीपीएल कार्ड धारक तो हैं पर नियमानुसार उस श्रेणी में नहीं आते हैं वहीं कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो नियम अनुसार पात्रता की श्रेणी में तो आते हैं पर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा या कहें हितग्राही को उसका वास्तविक लाभ दिलाने से पहले की भेंट पूजा के चलते आज तक उनके कार्ड नहीं बन पाए हैं। सूत्रों की माने तो शिवपुरी शहर में ही एक बीपीएल कार्ड धारी है जो मुख्य रूप से शासकीय शिक्षक है जिसकी तनख्वाह लगभग 70000 रुपए से ऊपर है बावजूद इसके वह आज भी बीपीएल कार्ड का अपने क्षेत्र स्थित कंट्रोल से फायदा ले रहा है। जो गलत तो है ही साथ में गैरकानूनी भी है अब अगर इन बोगस हितग्राहियों के खिलाफ कोई सख्त कानून बनता है जिसमें इनको न सिर्फ कार्ड से मिलने वाले फायदों से पृथक किया जाए बरन दंडित भी किया जाए तो कुछ बात बन सकती है और सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अच्छी पहल मानी जा सकती है।
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